लॉकडाउन के बाद ऑफलाइन स्कूल का पहला दिन….
विदित जैन -7ब
2020 में कोरोना वायरस के कारण सरकार ने सब कुछ बंद कर दिया। हमारा स्कूल भी बंद कर दिया गया। रोज़ सुबह उठकर स्कूल जाने की दिनचर्या एकदम से रुक गई। मैंने दो फरवरी 2022 को फिर से स्कूल परिसर में कदम रखा।
दो वर्षों के बाद स्कूल में कदम रखते हुए मन में कई सवाल उठ रहे थे। दोस्तों से मिलने की खुशी थी लेकिन अजीब- सी घबराहट भी थी। स्कूल जो बचपन से मेरी ज़िंदगी का हिस्सा था वह थोड़ा अनजान-सा लग रहा था। अपने दोस्तों से रूबरू होकर मन फूला न समा रहा था। थोड़ी देर में टीचर भी आ गईं और उन्होंने पढ़ाना शुरू कर दिया। कक्षा में टीचर से पढ़ने का अनुभव भी अलग ही होता है, न तो इंटरनेट के जाने की टेंशन थी न ही आवाज़ न आने की समस्या। जो भी टीचर ने समझाया सब तुरंत समझ में आ गया। मैं इतना खुश और तृप्त महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि काश !कोरोना वायरस आता ही नहीं तो हमारा स्कूल जाना कभी बंद नहीं होता।
ऑनलाइन स्कूल में जहांँ स्क्रीन की वजह से कई बार आंँखों में दर्द हो जाता था। स्कूल में पता ही नहीं चला कि कब छुट्टी का समय हो गया।
मैं घर आ गया। मन में इतना सुकून था जिसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता भगवान करे हमारा स्कूल कभी बंद न हो।
अनमोल जीवन
अग्रिमा श्रीवास्तव- 7ई
हमारे प्राचीन ग्रंथों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। भगवदगीता की इस पंक्ति ने मुझे बहुत प्रेरित किया-“कर्म करो और फल की चिंता मत करो।” इसका मतलब यह है कि हमें अपने लक्ष्य तक पहुंँचने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए, मेहनत करनी चाहिए, और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। हम केवल कड़ी मेहनत कर सकते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंँचने का प्रयास कर सकते हैं। हम कभी नहीं जानते कि परिणाम क्या होगा। परिणाम अच्छा या बुरा, दोनों हो सकता है और यदि परिणाम बुरा हो तो हमें कभी दुखी नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए, हम छात्रों-छात्राओं को इस समस्या का बहुत सामना करना पड़ता है। कुछ अपनी परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन कभी-कभी वे अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इस कारणवश कई विद्यार्थी अवसाद या डिप्रेशन के शिकार बन जाते हैं । यदि आप अपनी परीक्षा में खराब अंक प्राप्त करते हैं, तो आपको इसे अपनी ताकत बनाना चाहिए और अगली बार और अधिक मेहनत करनी चाहिए । जीवन में ऊंँच-नीच होती रहती मगर यह जीवन बहुत अनमोल होता है। हम हार गए, तो ठीक है, लेकिन कोशिश नहीं करेंगे, यह गलत है। प्रसिद्ध कविता की एक पंक्ति है- “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
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